Sunday, 3 February 2013

Kabir ki ramaini: सृष्टि प्रकरण रमैनी 1

Kabir ki ramaini: सृष्टि प्रकरण रमैनी 1: सृष्टि   प्रकरण रमैनी 1 अंतर जोति शब्द एक नारी। हरि ब्रह्मा ताके त्रिपुरारी।। ते तिरिये भग लिंग अनंता। तेउ न जाने आदिउ अंता।। ...

1 comment:

  1. धन्यवाद जी सराहना सदा परमात्मा की ही होती है वही एक अकेला सारे शरीरो को जीवन और ज्ञान देता है तो हमे सदा ध्यान करना चहीए जीससे परमात्मा सदा प्रसन्न रहे। वही एक अकेला है आता है तो उसे हम जन्म बोलते है और चला जाता है तो मरना।

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